अंकिता के पिता ने सरकारी वकील को कठघरे में खड़ा किया. डीएम को लिखा पत्र
उत्तराखण्ड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के कई अनसुलझे सवालों के बीच पीड़िता के पिता के एक पत्र ने सरकारी वकील को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने 1 जून को पौड़ी के डीएम को लिखे पत्र में सरकारी वकील जितेंद्र रावत को हटाने की मांग की है । पत्र में लिखा है कि सरकारी वकील जितेंद्र रावत कोटद्वार की कोर्ट में जारी सुनवाई में गवाहों के बयानों को तोड़ मरोड़ कर अभियुक्तों को फायदा पहुंचा रहा है। और अंकिता के साथ हुए दुर्व्यवहार को मात्र छेड़छाड़ में दर्ज करवाने की कोशिश कर रहा है।
पत्र में कहा गया है कि एक गवाह विवेक आर्य ने कोर्ट में गवाही दी है कि अभियुक्तों ने अंकिता को नजरबंद कर बलात्कार किया। जबकि सरकारी वकील कोर्ट में सही तथ्य पेश करने के बजाय छेड़छाड़ का उल्लेख कर रहा है।
अंकिता के पिता ने कहा कि जितेंद्र रावत की नियुक्ति के समय भी उन्होंने विरोध किया था।
वीआईपी का अता पता नहीं, अभियुक्तों के नार्को टेस्ट का इंतजार जारी
गौरतलब है कि बीते सितम्बर 2022 माह में अंकिता भण्डारी की हत्या के बाद अभियुक्त पुलकित आर्य समेत अन्य अभियुक्त पौड़ी जेल में बंद है। इस मामले में वीआईपी का भी उल्लेख हुआ था। पुलिस वीआईपी का भी पता नहीं लगा पायी है। अंकिता के दोस्त ने वन्तरा रिसॉर्ट में सुरक्षा गार्ड व बाउंसर से घिरे एक वीआईपी का उल्लेख किया था। अंकिता ने भी अभियुक्तों पर वीआईपी सर्विस देने का आरोप लगाया था।
अभियुक्तों का नार्को टेस्ट भी होना था। लेकिन वह भी कानूनी उलझनों में उलझ गया। इस बहुचर्चित हत्याकांड के बाद अंकिता के परिजन लगातार न्याय की मांग कर रहे है। इस बीच, सरकारी वकील को लेकर अंकिता भंडारी के पिता के नये पत्र ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।
इससे पूर्व भी अंकिता के पिता ने एक सरकारी वकील पर उंगली उठाई थी। जिसे बाद में हटा दिया गया था।
सेवा में,
श्रीमान, जिलाधिकारी महोदय, पौड़ी, जिला पौड़ी गढ़वाल)
विषय प्रार्थी की मृतक पुत्री कु० स्व० अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड केस में नियुक्त विशेष लोक अभियोजक / सरकारी वकील जितेंद्र रावत द्वारा बाद में अनियमितता बरतने के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपरोक्त वाद में प्रार्थीगण द्वारा निम्नलिखित प्रार्थना पत्र सेवा में पेश है:- कि प्रार्थीगणों की पुत्री कु०स्व० अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड के सम्बन्ध में एक वाद जिला जज कोटद्वार के न्यायालय में वर्तमान में गतिमान है, जिसमें पी0डब्ल्यू0-6 अभिनव कश्यप पुत्र श्री नरेश कुमार कश्यप के बयान सशपथ माननीय न्यायालय में किये गये। इसके अतिरिक्त प्रारम्भ में पुलिस के समक्ष 161 सी0आर0पी0सी0 व 164 मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान किये गये, जिसमें पी0डब्ल्यू0-6 द्वारा स्पष्ट तौर पर अंकिता के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का उल्लेख किया गया। इसके पश्चात् पी0डब्ल्यू0-7 कुशराज पुत्र श्री अनिल कुमार द्वारा भी इसी क्रम में बयान किये गये, जिसमें भी स्पष्ट उल्लेख किया गया कि अंकिता के साथ लगातार दुर्व्यवहार किया गया। इसके पश्चात पी0डब्ल्यू0-8 विवेक आर्य पुत्र विरेन्द्र सिंह के बयान उपरोक्त के क्रम में किये गये, जिसमें स्पष्ट तौर पर पी0डब्ल्यू0-8 द्वारा बताया गया कि अंकिता के साथ हत्या से पूर्व लगातार नजरबंद करके बलात्कार अभियुक्तो द्वारा किया जाता रहा। किन्तु विशेष लोक अभियोजक/ सरकारी वकील जितेंद्र रावत द्वारा माननीय न्यायालय से गवाहों से बयान कराते समय इस प्रकार के किसी भी तथ्य को उजागर न करते हुये, मात्र छेड़छाड़ की घटना के अन्तर्गत ही बयान कराये गये हैं, जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि विशेष लोक अभियोजक / सरकारी वकील जितेंद्र रावत द्वारा जानबूझकर अभियुक्तगणों को बचाने हेतु इस प्रकार का व्यवहार किया गया है
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